बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वेटनरी कॉलेज में राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना अधीन तीसरा तीस दिवसीय मैत्री प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन सोमवार को हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने कहा कि सभी प्रशिक्षानार्थी को ग्रामीण स्तर पर दक्ष कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्त्ता के रूप में कार्य करना है। प्रशिक्षण के बाद सभी प्रशिक्षानार्थी को 60 दिनों तक जिले के आवंटित कृत्रिम गर्भाधान केंद्र में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। प्रदेश में पशु नस्ल सुधार के उद्देश्य से ही ग्रामीण स्तर पर पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देना। इसके लिए सभी प्रतिभागियों को कृत्रिम गर्भाधान में ज्यादा से ज्यादा ज्ञान व अनुभव और कार्य में सटीकता का होना जरूरी है।
कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अधीन झारखंड स्टेट इम्प्लीमेंट एजेंसी फॉर कैटल एंड बुफैलो डेवलपमेंट के सौजन्य किया जा रहा है। मंगलवार से चौथा मैत्री प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ होगा, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों के करीब 75 ग्रामीण युवक भाग लेंगे।
कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षण सहायक डॉ मुकेश कुमार ने किया। मौके पर डॉ रविन्द्र कुमार, डॉ पंकज कुमार एवं डॉ नरेश कुमार भी मौजूद थे।