बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में सोमवार को नव वर्ष मिलन समारोह का भव्य आयोजन किया गया। मौके पर कुलपति ने रागी (मडुआ) से बनी मीनार नुमा केक काटकर इंटरनेशनल मिल्लेट्स वर्ष – 2023 की शुरुआत की। कुलपति ने विश्वविद्यालय के वरीय पदाधिकारियों के साथ ‘ बिरसा किसान मार्गदर्शिका – 2023’ नामक वार्षिक डायरी का विमोचन किया और इस डायरी को राज्य के किसानों को समर्पित की। लगातार 3 वर्षो से बिरसा किसान मार्गदर्शिका के ससमय प्रकाशन के लिए डॉ जगरनाथ उराव एवं अजय कुमार के उल्लेखनीय योगदान को सराहा गया। कुलपति द्वारा दिसंबर, 2022 में सेवानिवृत्त 5 कर्मचारियों को सामान्य भविष्य निधि का चेक प्रदान किया गया।
मौके पर कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने पिछले वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि यूएनओ ने वर्ष 2023 को इंटरनेशनल मिल्लेट्स वर्ष घोषित किया है। मिल्लेट्स फसलें सदियों से भारत की पहचान रही है। झारखण्ड प्रदेश में भी सदियों से मिल्लेट्स फसलों में मडुआ, ज्वार एवं गुन्दली की खेती सदियों से प्रचलित रही है। परंपरागत खेती और कम लाभ की वजह से प्रदेश में मिल्लेट्स फसलों का आच्छादन काफी घट गया है। जबकि मोटे अनाज यानि मिल्लेट्स को अब अमीरों का भोजन कहा जाने लगा है। वैश्विक स्तर पर इसकी मांग और कीमत काफी ज्यादा है।
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने राज्य के जलवायु के उपयुक्त मिल्लेट्स फसलों में रागी (मडुआ) की चार एवं गुन्दली की एक किस्म विकसित की है। पुरे देश में झारखंड राज्य में मिल्लेट्स फसलों के आच्छादन को बढ़ाने की काफी संभावनाएं मौजूद है।जिसे विश्वविद्यालय अधीन कार्यरत कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं क्षेत्रीय अनुसंधान के वैज्ञानिकों द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर बढ़ावा देने की जरुरत है।
मौके पर विवि के वरीय पदाधिकारियों में डॉ एसके पाल, डॉ सुशील प्रसाद, डॉ एमएस मल्लिक, डॉ एमएस यादव, डॉ एमके गुप्ता, डॉ नरेंद्र कुदादा, डॉ पीके सिंह, डॉ एस कर्माकार, एवं डॉ केएस रिसम ने नव वर्ष संदेश एवं शुभकामना व्यक्त की।
कार्यक्रम का आयोजन निदेशालय प्रसार शिक्षा, आईसीएआर – मिल्लेट्स परियोजना एवं आईसीएआर – नाहेप कास्ट परियोजना के सौजन्य से किया गया। संचालन यूनिवर्सिटी कोऑर्डिनेटर (एनएसएस) डॉ बीके झा ने किया। स्वागत निदेशक अनुसंधान डॉ जगरनाथ उराव एवं धन्यवाद मिल्लेट्स विशेषज्ञ डॉ अरुण कुमार ने किया। मौके पर विवि के प्राध्यापक, शिक्षक, वैज्ञानिक, गैर शिक्षक कर्मी, आकस्मिक कर्मी एवं छात्र-छात्राए बड़ी संख्या में मौजूद थे।